विजयनगर साम्राज्य के महान सम्राट कृष्णदेव राय का दरबार विद्वानों, कवियों और बुद्धिमान मंत्रियों से भरा रहता था। उन्हीं में एक चमकता सितारा थे तेनाली रामन, जो अपनी हाजिरजवाबी और अद्भुत बुद्धिमत्ता के लिए प्रसिद्ध थे।
लेकिन दरबार में कुछ लोग ऐसे भी थे जो तेनाली की बढ़ती लोकप्रियता से ईर्ष्या करते थे…
दरबारियों की जलन और राजा के सामने शिकायत
एक दिन मुख्य मंत्री सहित कुछ दरबारी महाराजा के सामने उपस्थित हुए।
उन्होंने कहा—
“महाराज, तेनाली रामन कोई बड़ा कार्य नहीं करते, फिर भी सभी सम्मान उन्हीं को मिलता है। कृपया कोई ऐसा कार्य दें जिसे बुद्धि नहीं, बल्कि वास्तविक श्रम और सामर्थ्य चाहिए।”
महाराजा मुस्कुराए—वे समझ रहे थे कि ईर्ष्या ही इन बातों की जड़ है।
उन्होंने एक अनोखी चुनौती दी।
राजा की चुनौती – दुनिया का सबसे गहरा कम्बल
राजा कृष्णदेव राय ने घोषणा की—
“कल सूर्योदय से पहले तुम सभी को दुनिया का सबसे गहरा कम्बल लाना होगा।
जो सबसे गहरा कम्बल लाएगा, उसे मैं हज़ार अशर्फियाँ दूँगा।”
दरबारी खुश हुए—उन्हें लगा तेनाली इस बार हार जाएंगे।
कम्बल खोजने की होड़
अगले दिन दरबार में बड़े-बड़े, भारी और काले कम्बलों का ढेर लग गया।
कोई कश्मीर से काला ऊनी कम्बल लाया, कोई मंगोलिया का मोटा फर्जी कम्बल।
हर कोई कह रहा था—
“यह सबसे गहरा कम्बल है!”
तभी तेनाली रामन अंदर आए…
उनके हाथ खाली थे!
दरबारी हँस पड़े—
“अरे तेनाली! इस बार बुद्धि काम नहीं आई क्या?”
तेनाली रामन और ‘अदृश्य कम्बल’
राजा ने मुस्कुराते हुए पूछा,
“तेनाली, तुमने क्या लाया?”
तेनाली ने शांत स्वर में कहा—
“महाराज, मैंने दुनिया का सबसे गहरा कम्बल लाया है—अंधकार का कम्बल।”
दरबारी अवाक रह गए।
तेनाली ने समझाया—
- रात का अंधकार पूरे विश्व को ढक लेता है
- यह हर पर्वत, नदी, महल और पेड़ को अपनी चादर में समा लेता है
- क्या कोई भौतिक कम्बल इतना बड़ा हो सकता है?
- क्या किसी कम्बल की काला रंग अंधकार से भी गहरा हो सकता है?
राजा ने खिड़की से बाहर देखा —
सुबह का हल्का अंधकार अभी भी फैला था।
राजा कृष्णदेव राय का निर्णय
राजा हँस पड़े और बोले—
“तेनाली! विचार की गहराई और मौलिकता के आगे कोई वस्तु बड़ी नहीं होती।
तुमने सचमुच दुनिया का सबसे गहरा कम्बल प्रस्तुत किया है!”
सभी दरबारी शर्मिंदा हो गए।
राजा ने तेनाली रामन को—
✔ हज़ार स्वर्ण अशर्फियाँ
✔ विशेष राजकीय सम्मान
भेंट किया।
कहानी की सीख
- बुद्धि हर समस्या का सबसे बड़ा समाधान है
- मौलिक सोच किसी भी प्रतियोगिता को बदल सकती है
- ईर्ष्या व्यक्ति को अंधा बना देती है
- समस्या का हल सिर्फ शक्ति नहीं, सही दृष्टिकोण से मिलता है
Conclusion
तेनाली रामन की यह कहानी हमें सिखाती है कि असली ताकत हमारे विचारों, बुद्धिमता और रचनात्मक सोच में छिपी होती है—
तेनाली रामन ने फिर साबित कर दिया कि
विचार का प्रकाश सबसे गहरे अंधकार को भी मात दे सकता है।
